दिल्ली से पकड़े गए उत्तराखंड के युवक से नौकरी के नाम पर 23 लाख रुपए ठगने वाले साइबर ठग, चीन, दुबई व पाकिस्तान से है कनेक्शन
देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना २९ देहरादून द्वारा साईबर धोखाधडी के मास्टर माइण्ड सहित तीन अभियुक्तों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह के वह सदस्य पकड़े गए जो चीनी और पाकिस्तानी एजेंटों के साथ काम करते थे। इस गिरोह ने देहरादून निवासी एक पीड़ित के साथ लगभग 23 लाख रुपये की साइबर धोखाधडी की थी। इन साइबर अपराधियों के दुबई, चाइना व पाकिस्तान से कनैक्शन जुड़े थे।
एसटीएफ के मुताबिक
अभियुक्तगणों विदेशों में बैठे साइबर ठगों की मदद से बाईनेन्स एप्प, Trust Wallet के माध्यम से USDT क्रिप्टो करेंसी खातों में धनराशि का लेनदेन प्रकाश में आया है। अभियुक्तगणों से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते, 06 मोबाइल फोन, 16 सिमकार्ड, 42 बैंक पासबुक/चैकबुक/डेबिट कार्ड आदि सामान बरामद किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने भारत के विभिन्न राज्यों में कई लोगों को ठगा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि मोहब्बेवाला, जनपद देहरादून निवासी शिकायतकर्ता/पीडित द्वारा माह जून-2024 में साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मुकदमा पंजीकृत कराया कि उसके द्वरा नौकरी के लिए आनलाईन naukri.com सर्च किया गया था जिस पर अज्ञात साइबर ठगों द्वारा पीडित को व्हाट्सएप नंबर से फोन कर बताया कि उन्हें naukri.com से आपका सी०वी०/ रिज्यूम प्राप्त हुआ है जिसके लिये पहले आपको रजिस्टेशन चार्ज 14,800/-रुपये का भुगतान करना पड़ेगा, पीडित द्वारा भुगतान करने के बाद lintojacob@hrsuntorybfe.com से इन्टरव्यू के लिए SKYIP से फोन आया तथा उनके द्वारा लगभग 1 घंटे तक टैक्निकल इन्टरव्यू लिया गया और उसके बाद 22.11.2023 को फाईनल राउंड के लिए इन्टरव्यू लेने के बाद सलैक्शन हो जाने की बात कहकर दस्तावेज वैरिफिकेशन, जॉब सिक्यिोरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा तथा IELTS exam आदि के नाम पर क्वीक सोल्यूशन (Quick Solution) आकाउंट में रुपये जमा कराये गये। इसके बाद शिकायतकर्ता को बताया गया कि उसके द्वारा IELTS exam के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया जिस कारण वीजा कैन्सिल किया जा रहा है तथा पीडित का पैसा 03 महीने में वापस करने की बात कही गयी। इसके बाद इसी प्रकार पीडित को अन्य व्हाट्सएप नंबर से पुनः कॉल आयी व coca cola uk as AVP (Operation) में वेकैन्सी होना बताकर फिर से वही रजिस्ट्रेशन, इण्टरव्यू आदि दोहराकर शिकायतकर्ता से पुनः विभिन्न खातों में भुगतान कराकर कुल 22,96,000/- (बाईस लाख छियानवे हजार) रुपये की साईबर ठगी की गई।
साइबर ठगी के लिये साइबर ठगों द्वारा शिकायतकर्ता की ई-मेल आई०डी० पर जानी-मानी कम्पनियों के नाम से मिलती जुलती ई-मेल आई0डी0 jacob@carriercocacola.com,
lintojacob@hrsuntorybfe.com,
support@jobphent.se जो आजकल
support@jobphent.com और
contact@recuritmentjob.in से सम्पर्क किया गया।
इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये अनावरण हेतु साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक विकास भारद्वाज के सुपुर्द कर घटना के शीघ्र अनावरण हेतु गठित टीम को समुचित दिशा-निर्देश दिये गये, जिस पर कार्यवाही करते हुये साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त
बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों तथा व्हाटसप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी में आया कि अभियुक्तगणों द्वारा वादी मुकदमा से धोखाधड़ी से ठगी गयी धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानान्तरित किया गया था।
विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपियों को चिन्हित करते हुये अभियुक्तों की तलाश जारी की तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी काफी शातिर किस्म के हैं जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलते रहते थे । साईबर पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कर कार्यवाही करते हुये अभियोग के मास्टरमाइण्ड सहित तीन अभियुक्त अलमास आजम, अनस आजम व सचिन अग्रवाल को मेट्रो स्टेशन जनकपुरी वैस्ट दिल्ली से गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से 06 मोबाईल फोन, 42 बैंक पासबुक/चैकबुक डेविट/क्रेडिट कार्ड व 16 सिमकार्ड, पहचान पत्र आधार कार्ड व
पैनकार्ड बरामद हुए है। अपराधी फर्जी आईडी, मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और जानी-मानी कंपनियों से मिलते-जुलते ईमेल पते का उपयोग करके नौकरी चाहने वालों से संपर्क करते हैं। वे नौकरी चाहने वालों का पूरा विश्वास जीतकर उन्हें दस्तावेज़ सत्यापन, रजिस्ट्रेशन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट-ट्रैक वीजा आदि के नाम पर विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर धोखा देते हैं। इन साइबर अपराधियों द्वारा पीड़ितों से ठगी की गई धनराशि को भोले-भाले लोगों के बैंक खाता विवरण का दुरुपयोग करके प्राप्त किया जाता है। वे लोगों के ओरिजिनल आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि लेकर फर्जी बैंक खाते (म्यूल अकाउंट) खोलते हैं, जहां यह पैसा जमा किया जाता है। इन खातों के दस्तावेज़ और एसएमएस अलर्ट नंबरों को फिजिकली दुबई भेज दिया जाता
है।
इस प्रक्रिया में, दुबई का मास्टरमाइंड (पाकिस्तानी एजेंटों) भारतीय सहयोगी को शामिल करता है, जो पूरे बैंक खाते के किट प्राप्त करते हैं। वहीं, चीनी एजेंट व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से क्रिप्टो भुगतान और वास्तविक समय (real time) में यूपीआई विवरणों के लिए निर्देश देते हैं। गिरोह के अन्य सदस्य बिनांस और ट्रस्ट वॉलेट जैसी क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म से USDT (जो क्रिप्टो लेन-देन में उपयोग होता है) खरीदते हैं। USDT को बिनांस वॉलेट में ट्रांसफर किया जाता है और जुड़े हुए विदेशी ठग इसे 90 रुपये प्रति USDT के बजाय 104 रुपये प्रति USDT के भाव से भारतीय रुपये भेजते हैं। मुनाफे को आपस में बांटा जाता है, जिसमें 7 रुपये सचिन को और बाकी 7 रुपये आज़म भाइयों को दिया जाता है। आज़म भाइयों को प्रत्येक फर्जी खाते के लिए अतिरिक्त कमीशन भी मिलता है।
प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्तगणों द्वारा दुबई, चाईना व पाकिस्तान से कनेक्शन होना स्वीकार किया गया है जिनके सम्बन्ध में इनके मोबाइल फोन में भी व्हाट्सएप, टेलीग्राम के माध्यम से चैटिंग होनी पायी जिसमें आपस में बैंक खातों की यूपीआई आईड़ी, खातों की डिटेल्स, क्यूआर कोड़, स्केनर आदि का आदान प्रदान किया गया है इसके अलावा USDT क्रीप्टोकरेंसी में एक दूसरे से खातों में भारतीय रुपया का ट्रान्सेक्सन सम्बन्धी चैटस पाई गयी है।
प्रारंभिक विश्लेषण में गिरोह द्वारा चलाए जा रहे निम्नलिखित बैंक खाते हैं जिनकी पूरे भारत में निम्नलिखित शिकायतें हैं। *Bank account Number*- 31104240061693 GUJARAT BHARUCH DAHEJ
*Bank account Number*- 10170003037830
23711230048638 TELANGANA CYBERABAD Cyber Crime FIR number- 2580/2023
30812230049414 DELHI ROHINI CYBER POLICE STATION ROHINI
31109230128321 GUJARAT AHMEDABAD RURAL DHOLKA
31308230042062 HARYANA KARNAL Cyber Crime Police Station Karnal Range Karnal FIR- 46/24
31601240005786 KARNATAKA BANGALORE CITY SOUTH CEN CRIME पस
DELHI NORTH CYBER POLICE STATION NORTH
30808240032803 DELHI NORTH WEST CYBER POLICE STATION NORTH WEST
33108240102880 UTTAR PRADESH ALIGARH SASNI GATE
गिरफ्तार अभियुक्तों में अलमास आजम पुत्र गौशल आजम निवासी 85/42 अशरफाबाग जाजमऊ नियर शिवांश टेनरी थाना चकैरी कानपुर उ0प्र0 उम्र-29 वर्ष।
अनस आजम पुत्र गौशल आजम निवासी 85/42 अशरफाबाग जाजमऊ नियर शिवांश टेनरी थाना चकैरी कानपुर उ0प्र0, उम्र- 25 वर्ष
सचिन अग्रवाल पुत्र श्री राजेन्द्र अग्रवाल निवासी सी-34 सेकण्ड फ्लौर कृष्णा पार्क विकासपुरी दिल्ली,, उम्र- 41 वर्ष शामिल हैं। गिरफ्तारी पुलिस टीम में निरीक्षक विकास भारद्वाज, उप निरीक्षक राजीव सेमवाल अपर उप निरीक्षक सुरेश कुमार, कांस्टेबल शादाब अली शामिल थे।
0डी0 jacob@carriercocacola.com,
lintojacob@hrsuntorybfe.com,
support@jobphent.se जो आजकल
support@jobphent.com और
contact@recuritmentjob.in से सम्पर्क किया गया।
इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये अनावरण हेतु साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक विकास भारद्वाज के सुपुर्द कर घटना के शीघ्र अनावरण हेतु गठित टीम को समुचित दिशा-निर्देश दिये गये, जिस पर कार्यवाही करते हुये साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त
बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों तथा व्हाटसप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी में आया कि अभियुक्तगणों द्वारा वादी मुकदमा से धोखाधड़ी से ठगी गयी धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानान्तरित किया गया था।
विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के मास्टर मांइड व मुख्य आरोपियों को चिन्हित करते हुये अभियुक्तों की तलाश जारी की तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी काफी शातिर किस्म के हैं जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलते रहते थे । साईबर पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कर कार्यवाही करते हुये अभियोग के मास्टरमाइण्ड सहित तीन अभियुक्त अलमास आजम, अनस आजम व सचिन अग्रवाल को मेट्रो स्टेशन जनकपुरी वैस्ट दिल्ली से गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से 06 मोबाईल फोन, 42 बैंक पासबुक/चैकबुक डेविट/क्रेडिट कार्ड व 16 सिमकार्ड, पहचान पत्र आधार कार्ड व
पैनकार्ड बरामद हुए है। अपराधी फर्जी आईडी, मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और जानी-मानी कंपनियों से मिलते-जुलते ईमेल पते का उपयोग करके नौकरी चाहने वालों से संपर्क करते हैं। वे नौकरी चाहने वालों का पूरा विश्वास जीतकर उन्हें दस्तावेज़ सत्यापन, रजिस्ट्रेशन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट-ट्रैक वीजा आदि के नाम पर विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर धोखा देते हैं। इन साइबर अपराधियों द्वारा पीड़ितों से ठगी की गई धनराशि को भोले-भाले लोगों के बैंक खाता विवरण का दुरुपयोग करके प्राप्त किया जाता है। वे लोगों के ओरिजिनल आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि लेकर फर्जी बैंक खाते (म्यूल अकाउंट) खोलते हैं, जहां यह पैसा जमा किया जाता है। इन खातों के दस्तावेज़ और एसएमएस अलर्ट नंबरों को फिजिकली दुबई भेज दिया जाता
है।