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अवस्थापना विकास और तकनीकि दक्षता से संबंधित विभागों को एक ही क्षेत्र में रखा जाए मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उद्योग विभाग एवं सिडकुल की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में जिन परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, उनके पूर्ण होने तक कार्यों का पूरा कैलेंडर बनाया जाए। जिन परियोजनाओं को 02 साल में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, उनका टाईमलाईन सहित स्पष्ट ब्यौरा जल्द प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि लालतप्पड़ में बनने वाले कन्वेंशन सेंटर का कार्य जुलाई, 2026 तक पूर्ण किया जाए। लगभग 57 एकड़ में कन्वेंशन सेंटर बनाया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में बनने वाली फिल्म सिटी के निर्माण की कार्यवाही भी जल्द शुरू की जाए। इसके लिए 107 एकड़ की भूमि चिन्हित की गई है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार के अलावा उधम सिंह नगर और सेलाकुई में फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण की कार्यवाही की जाए। हरिद्वार में 05 लाख वर्गफीट भूमि पर फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण की कार्यवाही गतिमान है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अवस्थापना विकास और तकनीकि दक्षता से संबंधित विभागों को एक ही क्षेत्र में रखा जाए। आईटी पार्क की स्थापना जिन उद्देश्यों की पूर्ति की लिए की गई थी, उस हिसाब से कार्य किये जाएं। पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं।  उन्होंने निर्देश दिये कि प्राइवेट इंडस्ट्रियल एस्टेट पॉलिसी के तहत ऐसी व्यवस्था की जाए कि भू-उपयोग परिवर्तन के लिए धारा 143 कराने की अलग से जरूरत न पड़े, ताकि कार्यों में अनावश्यक देरी न हो। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों के अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में भी उद्योगों को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में रूरल बिजनेस इंक्यूबेटर को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इस योजना को लोगों को अधिक से अधिक फायदा मिले, इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो को भी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में जोड़ दिया जाए। सीएम स्वरोजगार योजना के तहत बजट बढ़ाने की आवश्यकता है, तो इसके लिए प्रस्ताव लाया जाए। 2028 तक राज्य की जीडीपी दुगुना करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में 2028 तक 90 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है, जबकि 01 लाख 26 हजार करोड़ का लक्ष्य हासिल होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस के आधार पर भी कार्य किये जाएं।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, सचिव उद्योग श्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव श्री विजय जोगदंडे, महानिदेशक उद्योग श्री रोहित मीणा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।