उत्तराखंड 5 लोकसभा सीटों में जमकर प्रचार प्रसार हो रहा है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों के प्रत्याशी लगातार आम लोगों से वोट मांग रहे हैं।
वहीं जब गढ़वाल लोकसभा सीट की बात करे तो वहां पर बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी और कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल के बीच में सीधी टक्कर है।
दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रत्याशी एक के बाद एक ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जिससे बीजेपी उल्टा उनको ही घेरती हुई दिख रही है। कुछ दिन पहले गणेश गोदियाल ने एक मुद्दा उठाया था की अनिल बलूनी दिल्ली से हैं और मैं पहाड़ का हूं और इसके बाद बीजेपी ने उल्टा गणेश गोदियाल को घेर दिया था और उनसे पूछा था की मुंबई में आपका भी कारोबार है आप भी लंबे समय मुंबई में रहे हैं अभी भी आपके काम वहां चल रहे हैं तो आप कैसे पहाड़ी हो गए अगर बलूनी पहाड़ी नही हैं तो।
वहीं अब गणेश गोदियाल ने एक और मुद्दा उठा दिया है और इस बार उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के साथ खुद को जोड़ दिया है। अपने कई बयानों में वो यह कहते हुए नजर आ रहे हैं की जैसे हेमवती नंदन बहुगुणा को हराने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार अपने पूरे संसाधन के साथ लग गई थी वैसे ही इस समय मेरे साथ हो रहा है। प्रदेश और केंद्र की सरकार ने मुझे हराने के लिए पूरा तंत्र लगा दिया है।
गणेश गोदियाल अपने इस बयान को लगातार दोहरा रहे हैं। वहीं अब हेमवती नंदन बहुगुणा के पोते और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने गणेश गोदियाल से कई सवाल पूछे हैं और उन्हें कांग्रेस छोड़ने की सलाह दे डाली है।
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल के बयान को लेकर कहा की “मैं कांग्रेस के प्रत्याशी गणेश गोदियाल जी को याद दिलाना चाहता हूं कि हेमवती नंदन बहुगुणा जी ने अपने आखिरी के 10 से 12 साल की राजनीति कांग्रेस के लिए नहीं की बल्कि उन्होंने कांग्रेस द्वारा जिस तरह से लोगों को डराने, धमकाने और दबाने की राजनीति थी उसके खिलाफ की। वह उस वक्त निर्दलीय चुनाव लड़े थे, और पहाड़ की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया था।
क्योंकि हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस के खिलाफ ही चुनाव लड़े थे, और इसलिए मैं गणेश गोदियाल जी से निवेदन करना चाहता हूं कि अगर वह हेमवती नंदन बहुगुणा जी को अपना आदर्श मानते हैं तो उन्हें भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहिए। जिस समय हेमवती नंदन बहुगुणा की चुनाव लड़े थे उसे समय कांग्रेस ने उनकी राजनीति खत्म करने की कोशिश की, उन्हें दबाने की कोशिश की। और अगर गणेश गोदियाल बार-बार मेरे दादाजी का उदाहरण दे रहे हैं तो उन्हें भी अब कांग्रेस को छोड़ देना चाहिए और निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहिए”।