उत्तराखण्ड वित्तीय नियम समिति की संस्तुतियों के अनुसार विभिन्न संवर्ग के कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में सचिव श्री दिलीप जावलकर की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।
शासन स्तर पर लिये गये निर्णय के क्रम में विभिन्न संवर्ग के कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य कराये जाने हेतु वाहन भत्ते की दरों एवं शर्तों के सम्बन्ध में पूर्व निर्गत समस्त शासनादेशों को अधिक्रमित करते हुए राज्य सरकार के सरकारी सेवकों को जिन्हें अपने कार्यों को करने के लिए कई बार अल्प दूरी की यात्राऐं करनी पड़ती हैं एवं जिसके लिए यात्रा भत्ता अनुमन्य नहीं है।
उन्हें शासन द्वारा निर्गत आदेशों के अन्तर्गत वाहन भत्ता अनुमन्य कराया जा रहा है।
निम्न शर्तों एवं प्रतिबंधों का करना होगा पालन
-सम्बन्धित सरकारी कर्मचारी को राजकीय वाहन आवंटित न हो।
-सम्बन्धित यात्राओं हेतु राजकीय वाहन उपलब्ध नहीं हो।
-जिन कार्मिक द्वारा अनुमन्य वाहन का समुचित रख-रखाव किया जाता हो।
-आकस्मिक अवकाश को छोड़कर अन्य किसी अवकाश अवधि में वाहन भत्ता अनुमन्य नहीं होगा।
-जिन अल्प दूरी की यात्राओं के लिए वाहन भत्ता अनुमन्य किया गया हो उन यात्राओं के लिए साधारण यात्रा भत्ता / सड़क किलोमीटर भत्ता अनुमन्य नहीं होगा।
कार्यभार ग्रहण काल की अवधि में वाहन भत्ता अनुमन्य नहीं होगा।
-वाहन भत्ते को आहरित करने से पूर्व आहरण-वितरण अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि वाहन भत्ते का दावा उपरोक्त प्रतिबन्धों के अनुरूप है।
-जिन विभागों में फील्ड कर्मचारी निजी वाहन से शासकीय कार्यों का सम्पादन करते हैं, उन विभागों के विभागाध्यक्षों द्वारा इस आशय का प्रमाण-पत्र निर्गत किया जायेगा कि सम्बन्धित कार्मिक के पास निजी वाहन है तथा कार्मिक के द्वारा शासकीय कार्यों में निजी वाहन का प्रयोग किया जाता है। तदोपरान्त ही उन्हें भी वाहन भत्ता अनुमन्य होगा।
वाहन भत्ते की दरें
लेवल-10 एवं उच्च में 4000, लेवल-7 से 9 में 3000, लेवल 4 से 6 में 2000 एवं लेवल 1 से 3 में 1200 रुपये वाहन भत्ते की दर प्रतिमाह अनुमन्य होगी।