हरिद्वार
यूपी सरकार के नियंत्रण में आता है भीमगोड़ा बैराज
घोर लापरवाही बरतने के चलते की गई कार्रवाई
वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी (जांच), सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश लखनऊ के पत्रांक-2512/जांच अनु0/4500/गंगा, दिनांक 26.07.2023 द्वारा अवगत कराया गया कि कि उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रुड़की के अंतर्गत प्रथम उपखण्ड में कार्यरत श्री शिव कुमार कौशिक, सहायक अभियन्ता की कार्यशैली पद के अनुरूप नहीं होने, अपने उच्चाधिकारियों / अधीनस्थों से सामन्जस्य एवं व्यवहार ठीक न होने से राजकीय कार्य प्रभावित होने, समयान्तर्गत अपने कार्यों में रूचि न लेकर विलम्ब से कार्यवाही किये जाने से राजकीय कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना, अधीक्षण अभियन्ता द्वारा अनेकों बार लिखित मौखिक रूप से निर्देशित करने / जानकारी प्राप्त करने पर समुचित उत्तर न दिये जाने, दिनांक 16.07.2023 की सायं को हरिद्वार स्थित भीमगौड़ा का गेट संख्या 10 क्षतिग्रस्त हो जाने की सूचना काफी विलम्ब से उच्चाधिकारियों को दिये जाने, अधीक्षण अभियंता, गंगा नहर संचालन मण्डल मेरठ द्वारा मौके पर . निरीक्षण में पाया गया कि रजिस्टर में दिनांक 16.07.2023 दिन रविवार की सायं 5:00 बजे गेट संख्या 10 की ओपनिंग 02 मीटर दर्ज थी तथा रजिस्टर में सायं 5:45 बजे गेट का रस्सा टूटना दर्शाया जाना, भीमगौड़ा बैराज ऊपरी गंगा नहर प्रणाली की एक महत्वपूर्ण हाइड्रोलिक संरचना है, जिसके रख-रखाव एवं संचालन का सम्पूर्ण दायित्वों का निर्वहन संवेदनशीलता / सजगता तथा अपने अधीनस्थ तकनीकी कर्मचारियों एवं अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के बीच सामन्जस्य स्थापित होने के कारण समय-समय पर अधिकारियों / कर्मचारियों के बीच लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनी रहने, बैराज के संचालन में सहायक अभियंता प्रथम द्वारा अपने कार्यों के प्रति रूचि न लेकर राजकीय दायित्वों में लगातार लापरवाही किये जाने तथा बैराज जैसे महत्वपूर्ण संरचना पर गेट क्षतिग्रस्त होने की स्थिति उत्पन्न के कारण उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मीडिया के माध्यम से विभाग की छवि धूमिल हुई है। इस सम्पूर्ण परिस्थिति के लिये श्री शिव कुमार कौशिक, सहायक अभियंता प्रथम, उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रुड़की को दोषी एवं उत्तरदायी पाते हुए उनके विरूद्ध उ0प्र0 सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के नियम-7 के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही किये जाने तथा उक्त नियमावली के नियम-4 के अन्तर्गत निलम्बित किये जाने की संस्तुति उपलब्ध करायी गयी।
2. तदनुसार श्री शिव कुमार कौशिक, सहायक अभियंता प्रथम, उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रुड़की को उपर्युक्त अनियमिताओं हेतु प्रथमदृष्टया उत्तरदायी पाते हुए सिंचाई एवं जल संसाधन अनुभाग-5, उत्तर प्रदेश के कार्यालय ज्ञाप 366822 संख्या- आई/ /2023-27-5099/119/2023 दिनांक/अगस्त 2023 द्वारा उ0प्र0 सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम-7 के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित किये जाने के आदेश निर्गत किये गये हैं।
3. अतएव श्री शिव कुमार कौशिक, सहायक अभियंता प्रथम, उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रुड़की जिनके विरुद्ध उपर्युक्त गम्भीर अनियमितताओं के सम्बन्ध में अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित है, को भी राज्यपाल एसद्वारा उ०प्र० सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम-4 के अन्तर्गत तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित
जाने के आदेश प्रदान करते हैं। निलम्बन की अवधि में श्री शिव कुमार कौशिक, सहायक अभियन्ता प्रथम, उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रुड़की कार्यालय प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे।
4. निलम्बन की अवधि में श्री शिव कुमार कौशिक, सहायक अभियन्ता प्रथम, उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रूड़की को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2, भाग-2 से 4 मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि, अर्द्ध वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी, तथा जिन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई मंहगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ मंहगाई भत्ता अथवा मंहगाई भत्ता का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाए कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।
5. उपर्युक्त प्रस्तर-4 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि श्री शिव कुमार कौशिक, सहायक अभियंता प्रथम, उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रूड़की इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर देगें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति, व्यवसाय में नहीं लगे है।