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पहले बारिश बनी मुसीबत अब मगरमच्छ से जान का खतरा

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बारिश के कारण हरिद्वार में आबादी तक पहुंचे मगरमच्छ, 15 दिन में 12 पकड़े; वन विभाग ने तैनात की टीम
वर्षा काल में हरिद्वार जिले के लक्सर घाड़ क्षेत्र में गंगा सोलानी और बाणगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पानी के तेज बहाव में बहकर मगरमच्छ तटीय इलाकों में बसे गांवों के समीप तालाब और जलजमाव वाले स्थानों तक पहुंच रहे हैं।

आबादी क्षेत्र तक पहुंच रहे मगरमच्छों को पकड़ने के लिए वन विभाग ने रुड़की और लक्सर में 25 कर्मचारियों की अलग-अलग टीम तैनात की है।वर्षा काल में हरिद्वार जिले के लक्सर घाड़ क्षेत्र में गंगा, सोलानी और बाणगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पानी के तेज बहाव में बहकर मगरमच्छ तटीय इलाकों में बसे गांवों के समीप तालाब और जलजमाव वाले स्थानों तक पहुंच रहे हैं।

आबादी क्षेत्र तक पहुंच रहे मगरमच्छों को पकड़ने के लिए वन विभाग ने रुड़की और लक्सर में 25 कर्मचारियों की अलग-अलग टीम तैनात की है। सभी टीम 24 घंटे क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर रही हैं। इस सीजन में पिछले 15 दिन के अंदर ही 12 मगरमच्छ को रेस्क्यू कर नदियों में छोड़ा जा चुका है। वर्षा काल के दौरान पानी के तेज प्रभाव के साथ मगरमच्छ तटीय इलाकों में किनारे आ जाते हैं, लेकिन जलस्तर कम होने पर वापस नहीं जा पाते और आबादी क्षेत्र में जलजमाव व कीचड़ होने के कारण यहीं अपना डेरा जमा लेते हैं। वर्षा काल के दिनों में लक्सर घाड़ क्षेत्र में कृषि भूमि से सटे ग्रामीण तटीय इलाकों में मगरमच्छ आबादी के बीच तक पहुंच जाते हैं।

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