प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से ‘परीक्षा पे चर्चा- 2023’ कार्यक्रम में देश के छात्र-छात्राओं, अध्यापकों एवं अभिभावकों से संवाद किया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने लक्ष्मण विद्यालय इंटर कॉलेज, पथरीबाग में स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘परीक्षा पर चर्चा- 2023’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक श्री विनोद चमोली, श्री भूपाल राम टम्टा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा के छठवें संस्कंरण में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विद्यार्थियों को तनाव मुक्ति, समय प्रबंधन, कार्य दक्षता बढ़ाने, जीवन में विभिन्न चुनौतियों को पार करने के लिए गुरू मंत्र दिये। प्रधानमंत्री जी द्वारा विद्यार्थियों से संवाद कर उनको जो प्रेरणा दी गई है, उनका अनुसरण करते हुए हमारे ये बच्चे भविष्य में देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है। हम आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुके हैं। आगामी 25 साल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारत का हर क्षेत्र में तेजी से विकास हो, इसकी हमारे युवाओं पर बड़ी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में भी हम बेहतर कार्य कर ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं। परमात्मा ने हमें जो स्वतंत्र अस्तित्व एवं व्यक्तिव दिया है, इसका हमें सही तरीके से उपयोग करना होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लक्ष्मण विद्यालय इंटर कॉलेज, पथरीबाग में स्कूली छात्र-छात्राओं से मिलकर उन्हें आगामी परीक्षाओं की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने बच्चों को प्रेरणा दी कि जीवन में जो भी कार्य करें, पूरे मनोयोग से करें। उन्होंने कहा कि मेहनत ही जीवन में रंग लायेगी। इसके लिए अपने भीतर की ताकत जानना जरूरी है। जब हम किसी कार्य को पूरे मनोयोग से करते हैं, तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि जीवन में अनेक परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है, इसके लिए तनाव लेने के बजाय, उन चुनौतियों को पार पाने के प्रयास करने चाहिए। यदि हमने जीवन में तनाव मुक्ति और समय प्रबंधन करना सीख लिया, तो कोई भी कार्य असम्भव नहीं है।
प्रधानमंत्री के ‘परीक्षा पर चर्चा- 2023’ कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न स्कूलों से वर्चुअल माध्यम से मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, मेयर, अन्य जनप्रतिनिधगण, स्कूलों के विद्यार्थी, शिक्षकगण एवं उनके अभिभावक जुड़े थे।