देहरादून।राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर महिला आयोग द्वारा महिलाओं की खेल में सहभागिता विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बेटियों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्येय है कि मातृ शक्ति का सशक्तिकरण होना चाहिए उनको उचित शिक्षा प्राप्त होनी चाहिए। सरकार इस पर निरंतर काम कर रही है। सरकार प्रदेश की सभी बालिकाओं के जीवन में कल्याणी परिवर्तन लाने के लिए संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। सरकार बेटियों के लक्ष्य को पूरा करना चाहती है। बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रदेश की किसी भी बेटी का अपमान और ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई से हम पीछे नहीं हटेंगे। प्रशासन और पुलिस विभाग को निर्देश जारी किये गये हैं कि बेटियों और मातृशक्ति की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। इसमें किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जायेगा। हमारी बेटिया हमारी शान है। शास्त्रों में भी लिखा गया है जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवताओं का निवास होता है। प्रदेश की कई नारी शक्तियों ने उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है। ये सब हमारे बीच से निकली है और उन्होंने शिखरों को छूने का काम किया है। उत्तराखण्ड की बेटियों ने हर क्षेत्र में मुकाम हासिल किया है। किसी भी मामले में उत्तराखण्ड की बेटियां पीछे नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनायी गयी नीतियां बेटियों और मातृशक्ति को और मजबूत बनाने का काम कर रही है। सरकार ने मातृ शक्ति के लिए तीस प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देने का काम किया है। खेल के क्षेत्र में भी बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। पहाड़ की मातृ शक्ति को भी आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। बेटियों के लिए बनायी गयी योजनाओं को साकार करने में हम सफल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मूल मंत्र पर सरकार काम कर रही है। पूरी सरकार बेटियों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेगी। हमारा सपना है कि उत्तराखण्ड की हर बेटी सशक्त हो और देश के विकास में उनकी भागीदारी हो। कार्यक्रम में सीएम ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली बेटियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या, विधायक खजान दास, महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, विधायक सविता कपूर समेत तमाम लोग मौजूद थे।