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शादी का झांसा देकर विधवा के साथ बलात्कार

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काशीपुर। षडयंत्र के तहत शादी का झांसा देकर विधवा के साथ बलात्कार किए जाने के मामले में पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर महिला समेत पांच लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। घटना के बारे में न्यायालय में प्रार्थHना पत्र देकर प्रतापपुर पुलिस चैकी क्षेत्र निवासी एक महिला ने बताया कि वर्ष 2006 में उसके पति रामेश्वर की मृत्यु हो गई। इसके बाद वह अपनी पुत्री आकांक्षा व शिवांगी के साथ किस तरह जीवन यापन करने लगी। वर्ष 2007 में विधवा का आंगनवाड़ी कार्यकत्री के रूप में ग्राम फिरोजपुर में नियुक्ति हुई। 2019 में उसने अपनी बड़ी पुत्री शिवांगी की शादी कर दी। इस बीच अगस्त 2020 में उसकी छोटी पुत्री आकांक्षा की आकस्मिक मृत्यु हुई। छोटी बेटी की मृत्यु के बाद वह घर में अकेली रह गई। पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि वह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हुए जीवन यापन कर रही थी इसी बीच वर्ष 2021 में प्रार्थी के गांव का अजय नामक व्यक्ति का रिश्तेदार रंधावा उसके घर आया। रंधावा ने बताया कि उसके पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। रंधावा ने विधवा के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखते हुए साथ रहने की बात कही। उसने कहा कि वह कोर्ट मैरिज करने के लिए तैयार है।विधवा ने आपत्ति जताई तो रंधावा दबाव डालने लगा। इस बीच रंधावा विधवा को लेकर एसडीएम कोर्ट पहुंच गया। वहां उसके साथ उसकी मां विद्या देवी, भाई गुîóू, अंकुश,व बहन पूनम को बुला लिया। एसडीएम कोर्ट में विधवा से रंधावा ने कुछ कागजातों पर दस्तखत करवाए और कहा कि एक महीने के बाद कोर्ट मैरिज का सर्टिफिकेट मिल जाएगा। पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि शादी का सर्टिफिकेट मिलने का आश्वासन देकर रंधावा ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए तो आगे बनाता ही चला गया। मोहलत की मियाद खत्म होने के बाद जब पीड़िता ने शादी के सर्टिफिकेट की बात कही तो पहले तो रंधावा टालमटोल करता रहा बाद में उसके साथ बलपूर्वक दुष्कर्म करने लगा और ब्लैक मेलिंग करने की धमकी दी। रंधावा ने पीड़िता के घर में घुसकर जमकर तोड़फोड़ करते हुए उसके स्वर्ण आभूषण जबरदस्ती लूट लिए। और मकान तथा जमीन उसके नाम न करने पर जान से मारने की धमकी दे डाली। पीड़िता ने न्यायालय को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि घटना के तत्काल बाद उसने स्थानीय पुलिस को मामले की सूचना देते हुए न्याय की गुहार लगाई लेकिन पुलिस ने उसके मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उसने यह भी बताया कि देहरादून स्थित पुलिस के उच्चाधिकारियों को भी उसने लिखित तहरीर दी लेकिन पुलिस के अधिकारियों ने मामले को अनसुना कर दिया। फिलहाल घटना के लगभग 2 वर्ष बाद कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने उपरोक्त पांचों आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

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