उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से भर्ती हुए 228 कार्मिकों को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। 2016 से 2022 के बीच बैकडोर से भर्ती किए गए कार्मिकों को स्पीकर रितु खंडूड़ी ने नौकरी से हटा दिया था, जिस पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने भी मुहर लगाई थी। इस फैसले के खिलाफ कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। (supreme court rejects plea of ad-hock employees of uttarakhand vidhansabha) सुप्रीम कोर्ट ने उकी याचिका खारिज करते हुए स्पीकर और डबल बेंच के फैसले को सही ठहराया है।
दरअसल 2016 से 2021 के बीच पूर्व स्पीकर प्रेमचंद अग्रवार और गोविंद सिंह कुंजवाल के समय विधानसभा में नियमों को ताक पर रखकर 250 लोगों की अवैध भर्तियां की गई थी। मामला तूल पकड़न पर स्पीकर ने जांच बिठाई ती और पाया कि नियुक्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया है। इस आधार पर स्पीकर ने 228 तदर्थ कार्मिकों और 22 उपनल कार्मिकों को हटा दिया था। लेकिन स्पीकर के फैसले को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में चुनौती दी गई थी। सिंगल बेंच ने स्पीकर के फैसले पर स्टे लगा दिया था, लेकिनव डबल बेंच ने स्पीकर के फैसले को सही ठहराया था।