देहरादून
नगर निगम में फाइलें चोरी होने के मामले में भाजपा पार्षदों ने नगर आयुक्त से भेंट कर कहा इस तरह से फाइलें चोरी होने पूरे नगर निगम पर एक सवालिया निशान लगता है। कहा कि आखिर किस की शह पर इन करोडों की जमीनों का फाईले चोरी हुई या इस घपले को अंजाम दिया गया। क्योंकि कुछ माह पूर्व भी भू-माफियाओं द्वारा नगर-निगम की भूमि पर अपने नाम पर टैक्स कटवा लिया गया था। वह भी न किसी न किसी की शह पर किया गया था. परन्तु पार्षदों को जानकारी मिलने पर व पार्षदों द्वारा उसका विरोध होने पर टैक्स निस्तारित कर दिया गया था।
इन नगर निगम की भूमियों को बचाने के लिए कई नगर आयुक्तों (आई०ए०एस०) अधिकारियों द्वारा जमीनों को जांच करवाकर निगम ने अपने अधीन लिया था और कुछ मामले कोर्ट में विचाराधीन है।
नगर-निगम क्षेत्र की जनता किसी न किसी विश्वास पर नगर-निगम में अपनी सम्पति के पेपरों की जांच के लिए अपने पेपर जमा करवाती है और कुछ तो आप और कुछ अधिकारी मजिस्ट्रेट बनकर कारवाई अमल में लाते हैं। आज वो फाईल भी सुरक्षित नहीं है। आम जनता अपने दस्तावेज किस विश्वास पर नगर निगम में जमा करवाये। जब भू-माफिया नगर-निगम की फाईले चोरी करवा ली जाती है। 25-30 सालों के इतिहास में नगर-निगम में ऐसा वाक्या नहीं हुआ। इससे आपकी भी छवि खराब हो रही है और नगर निगम बोर्ड की भी। महोदय इस फाईलों की चोरी के पीछे कोई भी बडा चेहरा क्यों न हो। और पार्षदों को चोरी हुए पेपरों की पूरी जानकारी देने का कष्ट करें।
मौके पर पार्षद भूपेंद्र कठैत, उर्मिला पाल जी , आलोक कुमार जी, अजय सिंघल जी,कविंद्र सेमवाल जी, विमल उनियाल जी ,मनमोहन धनाई जी,विनायक कोहली जी श्रीमती नंदिनी शर्मा जी संजय नौटियाल जी सुरेंद राणा जी,चुन्नीलाल जी, श्रीमती सुशीला रावत जी, कमल थापा जी ,योगेश घाघट जी ,सत्येंद्र नाथ जी, श्रीमती बीना रतूड़ी जी, भूपेंद्र कठैत जी, प्रदीप रावत जी महिपाल धीमान जी विनोद नेगी जी आदि