नैनीताल में बारापत्थर में वन भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने के बाद अब प्रशासन मेट्रोपोल शत्रु संपत्ति पर अतिक्रमण ध्वस्त करने की योजना बना रहा है।
प्रारंभिक सर्वे हो गया है। विस्तृत सर्वे के बाद अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया जाएगा। शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में होटल समेत अन्य कोठियों का निर्मित क्षेत्रफल 11375 वर्ग मीटर, रिक्त भूमि व परिसर का क्षेत्रफल 22478 वर्ग मीटर है। इस संपत्ति की अनुमानित कीमत सौ करोड़ रुपये के आसपास है। साल 1965 में अविभाजित उत्तर प्रदेश सरकार के गजट के अनुसार नैनीताल में राजा महमूदाबाद अमीर मोहम्मद खान की संपत्ति भी शत्रु संपत्ति घोषित की गई थी।
वर्तमान में यहां तीन सौ पर्यटक वाहनों और अधिवक्ताओं के वाहनों की पार्किंग है। नगरपालिका के वाहन भी यहीं पार्क होते हैं। शत्रु संपत्ति में हाइकोर्ट की ओर जाने वाले रास्ते पर भी अतिक्रमण है। यहां अतिक्रमणकारियों ने पक्के निर्माण कर लिए हैं।
आपको शत्रु संपत्ति के बारे में भी बताते हैं। साल 1947 में देश के बंटवारे में पाकिस्तान जाने, 1962, 1965 और 1971 में पाकिस्तान-चीन युद्ध या उसके बाद चीन और पाकिस्तान गए नागरिकों को भारत सरकार शत्रु मानती है। ऐसे नागरिकों की संपत्ति को देश में शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है। जिला प्रशासन इसका कस्टोडियन है। नैनीताल में शत्रु संपत्ति में अवैध कब्जे का मामला पीएम तक पहुंच चुका है.
अधिवक्ता नितिन कार्की ने पीएम को भेजे पत्र में कहा कि अवैध कब्जेदारों में बांग्लादेशी व रोहिंग्या होने की भी संभावना है। अवैध कब्जेदारों में से कई ने दो-दो पहचान पत्र बनवाए हैं। बहरहाल प्रशासन ने अवैध कब्जा हटाने की तैयारी कर ली है। विस्तृत सर्वे के बाद अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। प्रशासन की कार्रवाई की भनक लगते ही अतिक्रमणकारियों में खलबली है।