निजी और सार्वजनिक स्थानों पर, परिवार समुदाय के भीतर तथा कार्यस्थलों पर हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न्याय प्रदान करने के लिए जिले में वन स्टाॅप सेंटर का संचालन शुरू हो चुका है। सोमवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया व सीडीओ हंसादत्त पांडे ने फीता काटकर इसका विधिवत् उद्घाटन किया। वन स्टाॅप सेंटर अभी अस्थाई रूप से विकास भवन के निकट लोनिवि के पूल्ड आवास में संचालित किया जा रहा है।
इस अवसर जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित केन्द्र पोषित वन स्टाॅप सेंटर योजना के तहत किसी भी हिंसा से पीडित महिलाओं को अस्थायी आश्रय, पुलिस डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउन्सलिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने बताया कि 5 बैड वाले इस सेंटर का नाम ‘सखी’ वन स्टॉप सेंटर रखा गया है। यहां पर निःशुल्क भोजन व रहने की व्यवस्था भी की गई है। वन स्टाॅप सेंटर (सखी) की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए जिलाधिकारी ने डीपीओ को निर्देश दिए कि यहां पर दी जाने वाली व्यवस्थाऐं दुरुस्त रखें तथा पीड़ित महिलाएं जो भी यहां पर आएंगी, उनका सम्पूर्ण ध्यान रखा जाए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी संदीप कुमार ने इस सबंध में जानकारी देते हुए कहा कि विकास भवन (पेट्रोल पम्प) के निकट लोनिवि के पूल्ड आवास में अभी अस्थाई रूप से वन स्टाॅप सेंटर का संचालन शुरू किया गया है। वन स्टाॅप सेंटर के भवन निर्माण हेतु गोपेश्वर-घिंघराण मोटर मार्ग जगह चिन्हित हो चुकी है और शीघ्र ही इसके स्थाई भवन निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा वन स्टाॅप सेंटर में हिंसा से पीडित पाॅच महिलाओं के रहने, भोजन, कानूनी सहायता एवं चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की गई है। इस सेंटर में हिंसा से पीडित महिलाओं को पाॅच दिनों तक निःशुल्क आश्रय देकर उसको पुर्नवास में मदद की जाएगी। वन स्टाॅप सेंटर में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए स्टाॅफ की तैनाती भी की गई है। वन स्टाॅप सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद थे।