Home उत्तराखण्ड सिटी क्लब डायरेक्टर पद के लिए मतदान, शाम को आएंगे परिणाम

सिटी क्लब डायरेक्टर पद के लिए मतदान, शाम को आएंगे परिणाम

357
0
SHARE

रुद्रपुर। सिटी क्लब के निदेशकों के आठ पदों पर 13 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला फिलहाल मतपेटी में बंद हो गया है। शाम को पांच बजे से मतगणना होगी। देर शाम तक मतगणना के परिणाम सामने आ जाएंगे और यह तय हो जाएगा कि सिटी क्लब की बागडोर अब कौन संभालेगा। सिटी क्लब डायरेक्टर पद के लिए प्रदीप बंसल, सुधांशु गाबा, गौरव बेहड़, यमन बब्बर, बल्देव छाबड़ा, केवल कृष्ण अरोरा, महेंद्र कुमार गोयल, प्रदीप अग्रवाल, अशोक सिंघल, हरीश अरोरा, गुरमीत सिंह, शिव कुमार बंसल, विनीत जैन ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। चुनाव अधिकारी के रूप में गौतम कथूरिया व कैलाश अग्रवाल रहे। कल सभी को मतपत्र संख्या आवंटित कर दी गई थी। शनिवार को सुबह मतदान शुरू हुआ। सुबह से ही सिटी क्लब में गहमा गहमी का माहौल था। गेट पर ही प्रत्याशी व उनके समर्थक बेलेट नंबर लगाए खड़े अपने पक्ष में वोट की अपील कर रहे थे। वोट देने आ रहे सिटी क्लब के सदस्यों से समर्थन मांगा जा रहा था। सबसे पहले व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष बलवंत अरोरा ने वोट डाला। शुरूवाती समय में मतदान धीमी गति से हुआ, लेकिन जैसे जैसे घड़ी की सुई चढ़ती गई मतदान की प्रक्रिया बढ़ती गई। लोगों में चुनाव के प्रति खासा उत्साह दिखाई दे रहा था। एक वोटर को आठ लोगों को वोट देना था। खबर लिखे जाने तक सिटी क्लब के 448 सदस्यों में से 168 सदस्य मतदान कर चुके थे। यानि प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला मतपेटी में बंद हो रहा था। आठ डायरेक्टर निर्वाचित होने के बाद निर्वाचित डायरेक्टर व तीन पदेन सदस्य सिटी क्लब के पदाधिकारियों का चुनाव 23 जुलाई को करेंगे। सिटी क्लब के डायरेक्टरों के चुनाव के लिए पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल एवं पदेन उपाध्यक्ष एसएसपी डा. सदानंद शंकर राव दाते ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। जबकि नामित सदस्य पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने सिटी क्लब जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सिटी क्लब के डायरेक्टर के चुनाव के लिए चार महिला सदस्यों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वोट के प्रति उत्साह ऐसा था कि सुरेंद्र कौर बीमारी की अवस्था में वोट देने सिटी क्लब गेट पर पहुंची। जहां चुनाव अधिकारी गौतम कथूरिया ने उनकी बीमारी को देखते हुए बाहर आकर उन्हें मताधिकार का प्रयोग कराया। सिटी क्लब में वोटिंग के दौरान यातायात व्यवस्था चरमरा गई, क्योंकि सिटी क्लब के बाहर यातायात नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस अथवा यातायात पुलिस की व्यवस्था नहीं थी। चुनाव के कारण लोगों को जाम में फंस कर गुजरना पड़ा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here