Home उत्तराखण्ड अधर में सरकारी शिक्षा बच्चों पीने के लिए पानी तक नही

अधर में सरकारी शिक्षा बच्चों पीने के लिए पानी तक नही

649
0
SHARE

जोशीमठ। सीमान्त विकासखंड जोशीमठ
मे ग्रामीण व शहरी क्षेत्र मे भारी शिक्षको की कमी के कारण 60 से अधिक गांवो के बच्चो का भविष्य अंधकार मे डूबता दिख रहा प्रदेश मे हर रोज सरकारी शिक्षण संस्थान की दशा सुधारने की बात हो रही पर हर दिन प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतरती ही जा रही है। सीमान्त विकासखंड का सबसे बडा राजकीय इंटर कालेज जोशीमठ का तो सबसे बूरे हाल है यहा 200 से अधिक बचे वर्तमान समय मे शिक्षा प्राप्त करने के लिए एडमिशन ले चूके है पर विद्यालय मे मात्र 10 अध्यापक तैनात है वही स्कूल मे बच्चो को पीने का पानी तक उपलब्ध नही है । बच्चे बाजार मे लोगो के घरो मे पीने का पानी पीने जा रहे है न अध्यापक न पानी देश के भविष्य का होगा क्या यह सवाल अब प्रदेश की शिक्षा नीति पर उठ रहे है
क्योकि प्रदेश की शिक्षा नीति आज तक बनी ही नही है तो शिक्षा का बूरा हाल होना स्वाभाविक है गरीब के बच्चे अब जाहे भी कहा ये सवाल सरकार का मुँह चिडा रही है कांग्रेस के नेता लक्ष्मी लाल का कहना है कि सरकार केवल शिक्षा के क्षेत्र मे खाना पूर्ती कर रही है और करोड़ो के बजट को ठिकाने लगा रही है किमाणा निवासी प्रदीप भंडारी का कहना है उनके गांव मे आज तक तीन साल मे एक भी बच्चा हाईस्कूल मे पास नही हुआ वहा पर विज्ञान वर्ग मे अध्यापक के पद खाली है गरीबी के चलते ग्रामीण बच्चो को शहर नही ले जा पा रहे है
दुसरी तरफ राजकीय इंटर कॉलेज जोशीमठ मे विज्ञान वर्ग मे रसायन विज्ञान भौतिक विज्ञान गणित मे कही सालो से अध्यापक नही है वही कला वर्ग मे इतिहास संस्कृत भूगोल के पद पर भी अध्यापक नही है विद्यालय के प्राचार्य ओमप्रकाश चौबे का कहना कि बिना अध्यापक के सरकारी स्कूल बर्बादी की कगार पर है यह चिंता का विषय है और जल्द इस पर सरकार को सोचना होगा वही खंड़ शिक्षा अधिकारी विवेक पंवार का कहना है कि रिक्त पदो की सूची शाशन को भेज दी गई है जल्द कुछ पदो पर टीचर्स की नियुक्ति हो सकती है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here