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हाईकोर्ट के आदेश के बाद गंगा में रिवर राफ्टिंग पर लगी रोक पर संचालकों में रोष

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ऋषिकेश। हाईकोर्ट नैनीताल द्वारा प्रदेश भर में राफ्टिंग, वाटर स्पोर्ट्स व पैराग्लाइडिंग पर संपूर्ण रोक लगाने के आदेश जारी होने के बाद आज शनिवार को टिहरी के स्थानीय प्रशासन द्वारा गंगा में रिवर राफ्टिंग के संचालन पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई, जिससे राफ्टिंग का आंनद लेने आये सैकड़ों पर्यटकों को भी मायूस होकर लौटना पड़ा। इस दौरान राफ्टिंग व्यावसायियो ने बैठक कर सरकार से जल्द ही अपना पक्ष न्यायालय में रखने को कहा, वही नाराज राफ्टिंग कंपनियों ने ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सांकेतिक रूप सेे जाम भी लगाया, साथ ही उक्त प्रकरण पर पर्यटन मंत्री के रुख पर खेद व्यक्त करते हुए राफ्टिंग व्यावसायियो ने कहा कि शीघ्र ही उनका एक प्रतिनिधि मंडल राज्य के मुख्यमंत्री से भी मिलेगा। गौरतलब है कि बीते रोज उच्च न्यायालय ने ऋषिकेश निवासी हरिओम कश्यप की याचिका पर सरकार को निर्देश दिए थे कि दो सप्ताह के भीतर वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए नीति बनायी जाए, जनहित याचिका में बताया गया था कि गंगा तट को राफ्टिंग और वाटर स्पोर्ट्स के नाम पर गंदा किया जा रहा है। नदी के तट पर बने कैंप साइट्स से नदी में गंदगी जा रही हैं जिस पर रोक लगनी चाहिए। याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व लोकपाल की खंडपीठ ने आदेश दिया कि जब तक सरकार सहासिक खेलों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना देती तब तक प्रदेश भर में राफ्टिंग, वाटर स्फोर्ट्स और पैराग्लाइडिंग के संचालन पर रोक रहेगी।
वहीं आज उपजिलाधिकारी नरेन्द्रनगर लक्ष्मीराज चैहान ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद गंगा में राफ्टों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगाते हुए राफ्टिंग व्यवसायियों को न्यायालय के आदेश से अवगत करवाया, उन्होंने बताया कि न्यायालय के अग्रिम आदेश तक गंगा में राफ्टिंग का संचालन पूर्ण रूप से बंद रहेगा, जबकि (यूएफओ) उत्तरांचल फाईनेस्ट आउटडोर एसोशिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र रावत ने बताया कि ऋषिकेश के तपोवन में लगभग 281 कम्पनीया राफ्टिंग व्यवसाय से जुडी हुई है और न्यायालय के आदेश से काफी संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे, जिसको लेकर आज 150 राफ्टिंग कंपनीयो के संचालको ने आपात बैठक कर ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाया ओर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए न्यायालय में पैरवी करने की मांग की गई।

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