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डीएम ने अफसरों के टायलेट में जड़े ताले जानें क्या है पूरा मामला

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रुद्रपुर। जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल ने विकास भवन के निरीक्षण के दौरान ऊपर तल पर बने अफसरों के टायलेट में तालाबंदी करा दी, क्योंकि उनके आम लोगों एवं कर्मचारियों के इस्तेमाल को बने टायलेट दयनीय अवस्था में थे। अर्थ एवं संख्या अधिकारी के गोदाम में कूलर बेकार पड़े थे और कर्मचारियों के लिए सिर्फ पंखे लगे थे। यह देखकर डीएम ने डीएसटीओ के दफ्तर का एसी बंद करा दिया। उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी के दफ्तर में 2017 तक की पेंशन के फार्मों का निस्तारण न होने पर संबंधित कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए, साथ ही इस मामले की विस्तृत जांच के निर्देश देकर जांच रिपोर्ट तीन दिन में तलब की। साफ सफाई को लेकर डीएम खासतौर पर गंभीर दिखाई दिए।
डीएम ने पूर्व सूचना देकर बुधवार को विकास भवन का निरीक्षण किया। प्रथम तल पर दफ्तरों में साफ सफाई का अभाव दिखा। पत्रावलियों का रखरखाव भी उचित ढंग से नहीं किया गया था। जिस पर डीएम ने बारीकी से साफ सफाई कराने को कहा। जिलाधिकारी जब दूसरे तल पर डीएम पहुंचे तो बैंक ऑफ बड़ौदा में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना के प्रचार की जगह मैक्स कंपनी का बीमा योजना का प्रचार किया जा रहा था। जिस पर उन्होंने बैंक प्रबंधक का जवाब तलब करने के निर्देश दिए। सिटीजन चार्टर बेहद गंदा था तथा अपडेट नहीं था, जिस पर उन्होंने उसे अपडेट करके बाहर लगाने को कहा। डोरमैट फटे होने पर उन्हें बदलने के निर्देश दिए। विकास भवन में इंदिरा अम्मा भोजनालय के बाहर पानी की टंकी लीक होते देखकर उसे तत्काल बदलने को कहा। तृतीय तल पर बने दोनों टायलेट की स्थिति दयनीय हालत में देखकर डीएम ने कहा कि इस तल के सभी अधिकारियों के दफ्तरों से अटैच टायलेटों में ताला लगा कर उसकी चाबी उनके दफ्तर में जमा करें। जब अफसर जनरल टायलेट में जाएंगे तो उन्हें कर्मचारियों एवं आम लोगों को होने वाली असुविधा का एहसास होगा। तालाबंदी तब तक रहेगी जब तक जनरल टायलेट दुरुस्त नहीं हो जाते। समाज कल्याण के दफ्तर में पेंशन फार्म लंबित मिले, जिस पर डीएम ने इसके लिए जवाबदेह कर्मचारियों का वेतन काटने एवं विस्तृत जांच के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि दोषियों को निलंबित भी किया जाएगा। निरीक्षण में छतों पर पेड़ तक उगे मिले, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी के गोदाम का निरीक्षण किया तो वहां कई कूलर निष्प्रयोज्य पड़े थे। जबकि उनके दफ्तर में कर्मचारी पंखे के नीचे बैठे थे। डीएम ने कहा कि जिला एवं अर्थ संख्या अधिकारी के दफ्तर में एसी का कनेक्शन काट दिया जाए तब उन्हें पता लगेगा कि आम लोग किस तरह रहते हैं। विकास भवन में कई जगह टूटी कुर्सियां व स्टूल देखकर डीएम ने कहा कि इससे सरकारी दफ्तर होने का एहसास होता है। इन्हें तत्काल हटवाया जाए। फर्नीचर में एकरूपता पर भी उन्होंने जोर दिया। अधिशासी अभियंता का रिकार्ड रूम देखकर डीएम ने सवाल किया कि यह रिकार्ड रूम है अथवा कबाड़ रूम? कभी झांक कर देखा है रिकार्ड रूम? उन्होंने तुरंत इसे दुरुस्त कराने के निर्देश दिए। एआर कोआपरेटिव के दफ्तर के बाहर एक बक्सा रखा था। जिसमें कबाड़ भरा था। उसकी चाबी नहीं मिली तो उसका कुंडा काट दिया गया। डीएम ने कहा कि अफसरों के दफ्तर तो बेहतर बने हैं, लेकिन बाबुओं और आम जनता के लिए बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है। उन्होंने सीडीओ आलोक कुमार पांडेय को व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के निर्देश दिए।

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