Home उत्तराखण्ड स्वच्छता अभियान की उड़ी धज्जियां, चप्पे-चप्पे पर गंदगी

स्वच्छता अभियान की उड़ी धज्जियां, चप्पे-चप्पे पर गंदगी

517
0
SHARE

देहरादून। मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान की खिल्लियां उड़ती देखनी हो तो शायद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहले नंबर पर होगी गंदगी का आलम ये है कि उत्तराखंड सरकार का स्वच्छ दून, सुंदर दून वाला नारा बेइमानी नजर आता है। पिछले एक हप्ते से ज्यादा समय से नगर निगम के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इससे शहर की और भी दशा खराब हो गई।
राजधानी देहरादून में आजकल जगह जगह कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं। आलम ये है कि सभी चैक-चैराहों और गली-मोहल्लों में कूड़ा ही कूड़ा नजर आ रहा है। आलम ये है कि कूड़े के ढेर और इससे उठने वाले दु

र्गंध से लोग परेशान है। लिहाजा अब लोगों ने खुद ही सफाई की कमान संभाल ली है। मंगलवार को कई निवर्तमान पार्षदों की अगुवाई में लोगों ने अपने क्षेत्रों में अभियान चलाकर सफाई की और वाहनों के जरिये कूड़ा-कचरा कलेक्शन सेंटर पहुंचाया दरअसल मोहल्ला स्वच्छता समिति से जुड़े 408 कर्मचारियों का संविदा में समायोजन की मांग के समर्थन में सफाई कर्मचारी पिछले कई दिनों से हड़ताल पर है।
कूड़ा नहीं उठने के कारण अब संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा मंडराने लगा है शासन और प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी सफाई कर्मचारी हड़ताल से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। लिहाजा गंदगी से परेशान आकर शहरवासियों ने अब सफाई की कमान अपने हाथों में ले ली। मंगलवार को शहर के कई वार्डों के निवर्तमान पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने लोगों को साथ लेकर सफाई की ट्रक और छोटे वाहनों से कूड़ा कलेक्शन सेंटर पर पहुंचाया इंदिरापुरम में निवर्तमान पार्षद ओमेंद्र सिंह भाटी ने कॉलोनी के लोगों के साथ साफ-सफाई की किशननगर की निवर्तमान पार्षद नंदिनी शर्मा ने भी लोगों के साथ मिलकर स्ट्रीट नंबर-10 में सफाई की इसके अलावा पलटन बाजार और पटेलनगर में दुकानदारों ने आसपास साफ-सफाई की मुस्लिम बाहुल्य माजरा, मुस्लिम कॉलोनी, आजाद कॉलोनी, इनामुल्ला बिल्डिंग जैसे इलाकों में भी सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कूड़े के ढेर लगे हैं। उधर, मांग के समर्थन में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। सफाई कर्मचारी यूनियन संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार और महामंत्री धीरज भारती का कहना है कि शासन उनकी मांगों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि निवर्तमान मेयर विनोद चमोली और अधिकारियों की लापरवाही के चलते उन्हें संविदा में समायोजित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती सफाई कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा। सरकारी घोषणाओं के तहत देहरादून स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है लेकिन ये घोषणाएं कैसे फलीभूत होंगी शायद ये न तो सरकार को पता है और न हीं निगम प्रशासन को सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर दून की स्वच्छता पर पड़ रहा है लेकिन इस बात को लेकर निगम प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा। निगम प्रशासन को समय रहते वैकल्पिक संशाधनों पर विचार करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिसका नतीजा आज देखने को मिल रहा है…और लोग गंदगी के साये में जीने को मजबूर हैं। लिहाजा लोग निगम प्रशासन की कार्य शैली पर सवाल उठाने लगे है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here